जय हनुमंत दीन हितकारी
जय हनुमंत दीन हितकारी,
सुन लीजै प्रभु विनती हमारी,
विपदा की प्रभु आई है घड़ी,
मुझको मूसीबत है घेरे खड़ी,
धन,बल, साहस
हुआ है क्षीण,
किसी विधा में न रहा प्रवीण,
घेरे हैं सब दुख बारी -बारी,
जय हनुमंत दीन हितकारी
कब से शरणागत हूँ प्रभु मैं ,
तुम्हारे समक्ष नतमस्तक हूँ मैं,
कोई न है राह दिखाने वाला,
मैं हूँ प्रभुसेवक भोला-भाला,
केंहुँ विधि स्तुति करौं तुम्हारी,
जय हनुमंत दीन हितकारी
हे प्रभु अब रक्षा करो हमारी,
हम पर विपदा आई है भारी,
मोहे जग में सब बैरी लागें,
संकट न मेरे पास से भागें,
भाग्य चक्र अब बदलो हमारी,
जय हनुमंत दीन हितकारी
प्रभु मन में मेरे सदा हैं बसते,
व्याकुलता अपनी और किससे कहते,
मोहे उबारो अब जय- जय बजरंगी
रामभक्त अब तुम्ही हो मेरे संगी,
कृपा हम पे कब होगी तुम्हारी,
जय हनुमंत दीन हितकारी
बुध्दि -शुद्धि प्रभु अब मेरी कर दो,
पथ मेरा ज्ञान से आलोकित कर दो,
धन -बल सबके तुम्ही हो स्वामी,
सुन लो प्रार्थना हमारी हे अंतर्यामी,
जीवन नैया न हो डगमग हमारी,
जय हनुमंत दीन हितकारी ।
-दिलीप कुमार
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