शुक्रवार, 24 नवंबर 2023

दिवाली

 

पुरखो का वरदान दिवाली

अपनो से पहचान दिवाली

 

एक बरस में ही आती है

दो दिन की मेहमान दिवाली

 

हँसी खुशी की एक लहर है

मीठी सी मुस्कान दिवाली

 

लड्डू, पेड़े, गुझिया बरफ़ी

इक मीठा पकवान दिवाली

 

जीवन की आपाधापी में

प्रश्न एक आसान दिवाली

 

नया बरस खुशियाँ लायेगा

कुछ ऐसा अनुमान दिवाली

 

चाँद -सितारे अंबर में हैं

धरती का अभिमान दिवाली

 

अपनों से जब दूर हो बैठे

लगती है सुनसान दिवाली

 

मधुर क्षणों की अनुभूति ये

कविता का उन्वान दिवाली

- अनूप भार्गव

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