बुधवार, 20 दिसंबर 2023

उस बच्चे की ज़ुबानी जिसने मम्मी को स्कूटी सिखाई

 बात यहाँ से शुरू हुई थी

जब पापा ने मम्मी को यह कहा था

इतनी ही स्मार्ट बनती हो तो स्कूटी सीख लो

मैं कार से मार्केट नहीं जाऊँगा

 

पहले-पहल तो मम्मी बहुत घबराई

उन्हें साड़ी की वजह से बहुत दिक़्क़त हो रही थी

सलवार-सूट दादा-दादी को पसंद नहीं

मगर उन्होंने साड़ी में जैसे-तैसे एडजस्ट किया

और मेरे साथ कॉलोनी में स्कूटी सीखने लगीं

 

पहले-पहल कुछ लोगों ने

मम्मी को बहुत टेढ़ा नमस्ते किया

लेकिन मम्मी ने मुस्कुराकर जवाब दिया

बच्चे भी हमारे पीछे भागते थे

कुछ आंटियाँ हमें ऐसे देखती थीं

मानो हम दोनों को खा ही जाएँगी

 

पहले-पहल मम्मी एक-दो बार गिरी भी

एक बार तो खड़ी कार में स्कूटी घुसा दी

कार का सायरन बजने लगा

हम दोनों वहाँ से जल्दी से भागे

भागते टाइम मैंने स्कूटी चलाई थी

 

स्कूटी सीखने के टाइम

पापा ने मम्मी से बिलकुल बात नहीं की

हम जब भी शाम को स्कूटी सीखने जाते

पापा जोर से आवाज़ लगाते : एक कप चाय बना दो

मम्मी जल्दी से चाय बनाती

और पापा की टेबिल पर कप रखकर भाग आती

 

लेकिन हफ्ते-भर में मम्मी ने हैंडल संभाल लिया

वह रेस छोड़ने का मैथ भी सीख गई

अब तो मम्मी ख़ुद ही सब काम कर लेती है

मेरी स्कूल बस छूट जाए तो स्कूल छोड़ आती है

मार्किट से शॉपिंग वगैरह भी कर लेती है

 

एक दिन की बात है

पापा की गाड़ी ख़राब हो गई थी

मम्मी को मज़ाक़ सूझा और पापा से बोली :

 

अपनी स्कूटी पर छोड़ आऊँ आपको?

पापा नाराज़ हो गए

और बिना कुछ बोले ऑफिस चले गए

उस दिन मैं और मम्मी ख़ूब हँसे..

 

मगर कुछ देर बाद मैंने देखा

मम्मी अकेले बैठी किसी बात पर रो रही थी!

मम्मी ने आज तक नहीं बताया

उस दिन मम्मी क्यों रो रही थी?

- मन मीत

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