रविवार, 31 दिसंबर 2023

दीवाली की सफाई

पहले इस कमरे की बारी

फिर उस कमरे की

सबसे आख़िर में रसोई

 

बदहवास-सी घर की स्त्रियाँ

पसीना थकान उबासी झपकी

फिर खाना बनाना

सबसे कहना : आज जो बनाऊँ वही खा लेना

 

सामान की छँटाई 

हरेक चीज़ के चेहरे पर संशय

रख लेंगे या फेंक देंगे?

 

एक किशोर बच्चा

बचाते हुए अपना सामान

ज़िद करता हुआ

मेरा कमरा छोड़ दो प्लीज़

 

आँगन में

गद्दों को लकड़ी से पीटना

उठता हुआ धूल का ग़ुबार

 

छोटे-छोटे बच्चों का

पसर जाना उन्हीं गद्दों पर

और गुळगंचियाँ खाना

 

नाचती हुई झाड़ू का

सींक-सींक बिखरते जाना

 

मकड़ियों के उजड़ते हुए घर

चूहों के गुप्त स्थानों का पता चलना

चीटियों के बिलों की खोज

 

ऐसा लगता है

जैसे घर को बैठा दिया है नाई की दुकान पर

उसकी दाढ़ी बनाई जा रही है

और सेट करवाए जा रहे हैं बाल

 

चमक उठा है सारा घर

एक स्त्री अब इसलिए परेशान है

कि कहीं कोई काम नहीं बचा

 

वह करे तो क्या करे?


- मन मीत

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