शुक्रवार, 27 अक्तूबर 2023

सवाल.....?, पाण्डेय सरिता,

 

था कभी निष्पाप वो,

एक छोटा सा

चिह्न ये ....?

प्रश्न या सवाल!

इतना हाय-तौबा

और नहीं मचता था बवाल।

आलसी-निकम्मों का नहीं

बनता था ढाल,

इतनी जहरीली मानसिकता

नहीं रहे थे पाल।

जो परिचायक था,

जिज्ञासु प्रवृत्ति की,

नहीं बनता था मलाल।

मानवीय गरिमामय

आसक्ति-विरक्ति

बेमिसाल।

जो था समर्पित,

लोक-देशहित

और भक्तिमय गुलाल।

जो था एक रास्ता,

जीवन और मुक्तिबोधक ताल!

यों झूठ के सहारे

हत्या कर आज जिसे

रहे सरेआम उछाल।

था कभी निष्पाप वो,

एक छोटा सा

चिह्न ये.....?

प्रश्न या सवाल!

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