वो लोग जो दीवार के इस पार रह गए
उन्होंने कल्पना की, कि दूसरी ओर वाला क्या सोचता है
चीन की दीवार के इस पार बैठे लोग सोचते रहे
कि उस तरफ के लोग बस हमला करने ही वाले है
घर की दीवार के इस पार बैठा एक भाई सोचता है
कि दूसरी तरफ उसके लिए ईर्ष्या और द्वेष भरा है
लिंगभेद दीवार की ओट में छुपी बैठी एक लड़की
वो भयभीत रही कि उस पार के सभी लड़के बलात्कारी है
अपनी विचारधारा की दीवार के इस पार बैठे लोगों को,
उस पार के लोगों की सोच अंधेरे में डूबी दिखी
धर्म की दीवारों के अंदर मग्न लोगों को,
दूसरी तरफ के सारे लोग पाप करते लगे
और इस सब के बीच
कि दीवारों में छुपे बैठे लोग कुछ सोच नहीं सकते
सिर्फ शक कर सकते हैं ..
- हरदीप सबरवाल
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