नए वर्ष में
केवल दीवार से ही ना उतारें
पुराना कैलेंडर
आत्मा से भी उतारें बोझ
पुरातन विचारों का
मृत हो चुकी आस्थाओं का
और घिनौनी ताकतों को धिक्कारें।
जाति ,भाषा ,धर्म
से फलीभूत हुई नफरतों
और
वे सारी बातें भूलें
जो इंसान के पक्ष में ना हों।
आस्तिकों
ईश्वर से प्रार्थना करो
आदमी के पक्ष में उठे हाथ
और मजबूत हों
क्योंकि
यही सही समय है प्रार्थना का।
- हर गोविंद पुरी
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