आओ!
सभी खुशियाँ मनाएँ
कि
हमारे राम फिर पधारे हैं। (वे यहाँ से गए ही कब थे )
हे!
नर ना रख खुद को भ्रम में
कि
अयोध्या में छाए फिर नजारे हैं।
जन
-जन में छाई हैं खुशियाँ,
दिन
में ही चाँदनी छाई है।
आज
माताएँ बनी हैं कौशल्या
भाई
हैं भरत, लक्ष्मण औ शत्रुघ्न
आज
फिर से सरयू हर्षित है
जन-
जन हुआ है हर्षित
आओ!
सभी खुशियाँ मनाएँ
कि
हमारे राम फिर पधारे हैं।
राम
के आने से लगता है कि
फिर
से आएगा हमारा रामराज्य
हुए
भारत वासी मगन हैं
चाँद-
सितारे भी पुलकित हैं गगन के
धन्य
हुई है अयोध्या फिर
दूर
होगा अंधेरा फिर धरा से
कि
हमारे राम फिर पधारे हैं।
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