शुक्रवार, 5 अप्रैल 2024

फूल

चूम लेते

किसी खिलते हुए फूल को!

या सहला देते

किसी पेड़ की पीठ!

 

कर देते

थोड़ी सी गिदगिलियाँ  

बूढ़की दादी को!

या पास बैठकर

सुन लेते कोई पुराना किस्सा

चुपचाप बैठे दादाजी से!

 

प्यार पाने के

प्यार जताने के!

कितने मार्ग हैं मित्र

और तुम उदास बैठे हो!

 

                    -नरेश गुर्जर 

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