लोगो!
आपको लगता होगा
मीरा
पागल हो गई है..
जो
कहती है
मोहन
का श्याम बदन है
मोहन
की बांकी चितवन है
मोहन
जमुना किनारे गाएँ चराता है
मोहन
मीठी वंशी बजाता है..
आपको
लगता होगा
मीरा
पागल हो गई है..
लोगो!
मैं
आपको
कैसे बताऊँ
कि
समय के अंधे कुएँ से
मैं
खींच लाई हूँ अपने प्रेमी की प्रतिमा को बाहर
और
मैंने उस प्रतिमा में
अपने
हृदय के तंत्र-मंत्र से फूंक दिए हैं प्राण..
लोगो!
मैं
आपको
कैसे बताऊँ
कि
सदियों से आप जिस मोहन पर लट्टू हैं
मीरा
ने उस मोहन को
और
भी सुंदर
और
भी जीवन्त बना दिया है..
लोगो!
आप
ऐसी सच्ची मीरा का बहिष्कार कैसे कर सकते हैं?
फिर
भी आप लोग मेरा बहिष्कार करते हैं तो कीजिये -
आपका
बहिष्कार मीरा के ठेंगे पर!
______
मन
मीत
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