प्रेम, पीड़ा, प्रकृति ,
जंगल, हवा, पानी ,
आकाश, नदी ,
स्त्री,पुरुष, विरह ,
छल ,कपट ,झूठ ,
आँसू , हँसी ,खुशी ,
उदासी,वैराग्य ,
लिखी गईं कविताएँ ,
हर घटना पर ,
युद्ध और शांति पर भी
फिर भी कुछ नहीं बदल रहा ,
संसार में सब जारी है.
नई कविता नए विषय पर,
लिखी जाएगी अब,
शायद सृष्टि के अंत
और नई दुनिया के
अस्तित्व में आने पर
-अमिताभ शुक्ल
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