रविवार, 8 अक्तूबर 2023

नई दुनिया में जन्मेगी नई कविता

 प्रेम, पीड़ा, प्रकृति ,

जंगल, हवा, पानी ,

आकाश, नदी ,

स्त्री,पुरुष, विरह ,

छल ,कपट ,झूठ ,

आँसू , हँसी ,खुशी ,

उदासी,वैराग्य ,

लिखी गईं कविताएँ ,

हर घटना पर ,

युद्ध और शांति पर भी 

फिर भी कुछ नहीं बदल रहा ,

संसार में सब जारी है.

नई कविता नए विषय पर,

लिखी जाएगी अब,

शायद सृष्टि   के अंत

और नई दुनिया के

अस्तित्व में आने पर 

-अमिताभ शुक्ल 


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