वर्ष तो आयेगा नया,
समय भी बदलेगा,
कैलेंडर ,तिथियाँ
सब,
बदल जायेंगे।
दिशाएँ, भौगोलिक स्थितियाँ,
सारे नक्षत्रों की भी,
बदल जाएँगी,
नव वर्ष के साथ।
हम बैठे रहें,
या चलते रहें,
संबंधों को सहेजे रहें,
या यादों के पहाड़ लिए रहें।
सब कुछ यथावत नहीं होगा,
यह तो तय बात है,
प्रेमिका का विवाह,
हो चुका होगा।
मित्र अमित्र हो चुकेंगे,
पैसा घटेगा या बढ़ेगा,
होगा बहुत कुछ नया,
जो पहले कभी न हुआ।
वर्ष चिड़िया नहीं हैं,
जो सदा चहचहाते रहेंगे,
न ही है अपना कोई शर्ट,
जो फटने पर भी साथ नहीं छोड़ता।
इस लिए आने वाले वर्ष में,
अनगिनत संभावनाओं और,
आशंकाओं के बीच में,
प्रतीक्षा करना होगी।
स्वागत करना होगा नए वर्ष का,
शायद मौसम बदल जाए,
कोई प्रेम कहीं खिल जाए,
जिंदगी अभी और चल जाए।
-अमिताभ शुक्ल
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