बुधवार, 14 फ़रवरी 2024

देश का मौसम


सूली पर टिका आम इंसान का जीवन,

तंत्र फल फूल रहा देश का है मौसम।

 

जान के लाले पड़े हों आम इंसानों को,

रोजी -रोटी के लिए जान हलाकान होती है।

 

कितने संघर्षों में जीवन करोड़ों इंसानों का,

फिर भी देश तरक्की कर रहा खबरें हैं समाचारों में।

 

अंग्रेज गए और गए कई रजवाड़े  हजारों सालों में,

नए राजाओं का देश मुकद्दर में लिखा है आम इंसानों के।

 

समृद्धि की इबारतों और इमारतों तले,

पिसती हैं जिंदगियाँ  नक्कार खानों में।

 

आएगा वक्त अच्छा यह सुनते- सुनते,

कई पीढ़ियाँ गुजरीं हजारों सालों में।

 - अमिताभ शुक्ल

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