आदमियों आदमियों के बीच की दूरी बढ़ी,
देश, चाँद और मंगल की दूरी घटी।
समृद्ध हुए चंद लोग,
और गरीबी का प्रकोप और बढ़ा।
कई बस्तियाँ उजड़ गईं,
कई शॉपिंग मॉल बने।
समाज में विखंडन बढ़ा,
अखंड भारत मजबूत हुआ।
रोजगार के अवसर कम हुए,
घर बैठे अनाज मिला।
तेज गति की ट्रेनें बढ़ीं,
ग्रामीण भारत जस का तस रहा।
कारों, मकानों की बिक्री बढ़ीं,
आम ट्रेनों और बसों में आवागमन बढ़ा।
प्रगति करता है राष्ट्र हमारा इस तरह,
यह यकीन और पक्का हुआ।
-अमिताभ शुक्ल
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