शनिवार, 24 फ़रवरी 2024

आग ,प्यास और इंतजार

 एक आग और प्यास होती है,

जिसका इंतजार होता है,

जिसका न कोई नाम,

न जगह, न तारीख होती है।

 

बस आस और प्यास होती है,

उस लम्हे  को पाने की,

जिसके लिए जिंदगी कुर्बान होती है,

उस हसीन पल को पाने की तमन्ना होती है।

 

सोते ,जागते जिसके सपने देखे हों,

न कितना वक्त जाया किया हो,

चैन, नींद, प्यास खोई हों,

कितने रिश्ते और मंसूबे बिगाड़े हो।

 

जिसके तलबगार रहे हों बरसों, बरसों,

जिसके लिए बिगाड़े हों कई और सपने,

इस उम्मीद के सहारे कसीदे पढ़े हों कई सारे,

कि,वह वक्त एक दिन जिंदगी में आएगा जरूर।

 

उसके लिए ही आग, प्यास और इंतजार होता है.....

 

   -अमिताभ शुक्ल

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